“ये मूर्ति नहीं, प्रतीक है उस भारत का, जो झुकेगा नहीं… जिसने किया 500 साल इंतज़ार अब सौंप रहा है सिंहासन!”

अयोध्या: 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम बालक राम के रूप में स्थापित किए गए थे। अब दूसरी प्राण प्रतिष्ठा में भगवान राम राजा के रूप में स्थापित किए जाएंगे। राम मंदिर के पहले तल पर राजा राम का दरबार होगा। इस दरबार में भगवान राम उनके अनुज लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता जानकी और सेवक हनुमान होंगे। पांच जून के समारोह के लिए राम मंदिर में तैयारियां पूरे जोरशोर से चल रही हैं।

अयोध्या पहुंच रहे श्रद्धालुओ में भी भारी उत्साह है। रामलला के दर्शन करने के बाद राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर श्रद्धालु उत्साहित हैं। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था के बारे में एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि रामनगरी फुलप्रूफ सुरक्षा के लिहाज से परिपूर्ण है। जो भी कार्यक्रम स्थल हैं, वहां पर अतिरिक्त सुरक्षा बल लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही जो श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन करने आ रहे हैं, उनको भी कोई दिक्कत न होने पाए, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।

राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार की स्थापना और उप मंदिरों में सात देव विग्रहों की होगी प्राण प्रतिष्ठा 
राजा राम के साथ सात अन्य उप मंदिरों में भी स्थापित मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसमें परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, अग्नि कोण में प्रथम पूज्य श्रीगणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान, नैरित्र कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके साथ ही मुख्य मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार और परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में शेषावतार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 16 महीने बाद राजा राम की हो रही प्राण प्रतिष्ठा
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के 16 महीने बाद अयोध्या में पूरी तरह से बनकर तैयार भव्य राम मंदिर के एक और प्राण प्रतिष्ठा और अभिषेक समारोह की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। इस कार्यक्रम में 8000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। इसके मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। इस बार मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। यह कार्यक्रम एक तरह से मंदिर निर्माण का समापन भी होगा, जो पांच अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर भवन निर्माण समिति का गठन किया गया था। इसकी कमान प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र संभाल रहे हैं। राम मंदिर के पहले तल पर राजा राम का दरबार होगा। यहां पर सभी दरवाजे लगा दिए गए हैं। परकोटा के बीच निर्मित छह पूरक मंदिरों व सप्त ऋषियों के सात मंदिरो में भी कपाट लगाने का काम पूरा हो गया है। शिव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना का काम चल रहा है। श्रीराम जन्मभूमि के 2.77 एकड़ पर निर्मित राम मंदिर के पहले तल पर भगवान श्रीराम, माता जानकी और उनके तीनों अनुज व हनुमान जी का विग्रह स्थापित किया जा चुका है। इसी की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई पूरब पश्चिम 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फिट है। यह कुल 392 खंभों और 44 दरवाजों से युक्त है।

जानिए दूसरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में क्या है अनुष्ठान और कार्यक्रम

दो जून को सरयू तट से मातृ शक्तियां जल कलश यात्रा निकालेंगी। कलश यात्रा के अगले दिन तीन दिवसीय आयोजन ज्येष्ठ शुक्ल की अष्टमी तीन जून से प्रारंभ होकर दशमी पांच जून को पूजा, भोग और आरती के साथ पूरा होगा। सभी अनुष्ठान दो दिन सुबह 6:30 बजे प्रारंभ होगा और 6:30 बजे ही समाप्त होगा। पांच जून को सुबह 6:30 बजे अनुष्ठान प्रारंभ होकर 11:20 तक चलेगा। सुबह 11:25 से 11:40 तक का अभिजीत मुहूर्त है। इसी अभिजीत मुहूर्त में राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

जानिए कौन हैं प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले विद्वान पंडित

चंदौली के विद्वान प्रकांड पंडित जयप्रकाश तिवारी 101 वैदिक आचार्यों के साथ आठों मंदिरों में देव विग्रहों की एक साथ प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।

कौन होगा मुख्य यजमान, जिसे दूसरी बार मिल रहा है यह सौभाग्य

22 जनवरी 2024 को हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र सपत्नीक यजमान बने थे। इस बार भी यह सौभाग्य डॉ. अनिल मिश्र को ही मिल रहा है। डॉ. मिश्र दूसरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के भी यजमान होंगे।

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Alok Kumar Srivastava
Chief Editor

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