लेह। लद्दाख में सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन ने मंगलवार को अचानक उग्र रूप ले लिया। छात्रों और पुलिस के बीच हुई तीखी झड़प के बाद हालात बेकाबू हो गए, जिसमें CRPF की एक गाड़ी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के स्थानीय कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया। हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत और कई के घायल होने की पुष्टि हुई है।
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आंदोलन की जड़ में लद्दाख की विशेष मांग
सोनम वांगचुक बीते कई महीनों से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची (6th Schedule) के तहत विशेष दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर वे उपवास, मार्च और जनसभाओं के जरिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं। आंदोलन को क्षेत्र के युवाओं और छात्रों का भी भारी समर्थन मिल रहा है।
प्रशासन ने बढ़ाई सख्ती
घटना के बाद लेह और आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। पूरे क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं, और सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
सोनम वांगचुक ने जताया दुख
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सोनम वांगचुक ने एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा,
“हमारा आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण था और रहेगा। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे किसी भी तरह की हिंसा से दूर रहें और आंदोलन को गांधीवादी तरीके से आगे बढ़ाएं।”