लेह/नई दिल्ली: लेह में भड़की हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के मामले में उनकी पत्नी गीतांजलि जे. आंगमो ने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वांगचुक की रिहाई की मांग करते हुए, उन्होंने देश की स्वतंत्रता पर ही सवाल खड़ा कर दिया और आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय के आदेश पर पुलिस 3 लाख लद्दाखियों पर अत्याचार कर रही है।
गीतांजलि ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को एक पत्र भी भेजा है, जिसमें उन्होंने सोनम वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग की है।
गीतांजलि आंगमो के प्रमुख आरोप
सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिए जाने और लेह से जोधपुर जेल स्थानांतरित किए जाने के बाद उनकी पत्नी गीतांजलि जे. आंगमो मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर आई हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं:
- ‘भारत की आजादी’ पर सवाल: गीतांजलि ने एक भावनात्मक बयान में कहा, “मेरा पति (सोनम वांगचुक) देशभक्त है, राष्ट्रविरोधी नहीं। जिस तरह से हमें परेशान किया जा रहा है और लद्दाख के लोगों के मौलिक अधिकार छीने जा रहे हैं, उसे देखकर यह सवाल उठता है कि क्या भारत वाकई आजाद है?”
- गृह मंत्रालय पर आरोप: उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय के इशारे पर पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर अत्याचार कर रही है और पूरे 3 लाख लद्दाखियों को परेशान किया जा रहा है।
- NSA और उत्पीड़न: उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक को बिना किसी पुख्ता सबूत के NSA के तहत हिरासत में लिया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जाँच एजेंसियां बार-बार उनके गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) पर विदेशी फंडिंग को लेकर सवाल उठा रही हैं, जबकि पहले की जाँचों में कुछ भी गलत नहीं मिला है।
- पाकिस्तान कनेक्शन पर पलटवार: सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से संबंधों के सरकारी दावों पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि अगर कोई पाकिस्तानी जासूस यहाँ घूम रहा था, तो यह गृह मंत्रालय की सबसे बड़ी विफलता है और सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।
लेह हिंसा और मजिस्ट्रेट जाँच के आदेश
लेह में छठी अनुसूची और राज्य के दर्जे की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान भारी हिंसा भड़क गई थी, जिसमें कई नागरिक मारे गए और घायल हुए।
हालात को सामान्य करने और हिंसा की घटनाओं की तह तक जाने के लिए लद्दाख प्रशासन ने मजिस्ट्रेट जाँच के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने यह भी दावा किया है कि उनके पास सोनम वांगचुक और अन्य प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। हालाँकि, वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे एपेक्स बॉडी ने सरकार के साथ बातचीत से इनकार कर दिया है।
गीतांजलि जे. आंगमो ने राष्ट्रपति से अपने पति की बिना शर्त रिहाई और लद्दाख के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने की अपील की है।