मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के निधन को लेकर भूचाल आ गया है। शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने दावा किया है कि बालासाहेब के निधन की ख़बर जानबूझकर देर से सार्वजनिक की गई थी और उनका पार्थिव शरीर दो दिनों तक ‘मातोश्री’ में रखा गया था।
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कदम ने दशहरा रैली में और उसके बाद दिए गए बयानों में उद्धव ठाकरे पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि बालासाहेब का निधन कब हुआ, इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि मातोश्री में बालासाहेब की हथेलियों/अंगूठे के निशान लिए गए थे, और इस बात की पुष्टि के लिए वह खुद और उद्धव ठाकरे का नार्को टेस्ट कराने को भी तैयार हैं।
उद्धव गुट ने दी मानहानि केस की धमकी
रामदास कदम के इन गंभीर आरोपों पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे-UBT) गुट ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उद्धव गुट के नेताओं ने इन दावों को बालासाहेब ठाकरे के साथ ‘विश्वासघात’ बताया है। यूबीटी गुट के नेताओं ने स्पष्ट किया है कि वे रामदास कदम के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। यूबीटी गुट का कहना है कि कदम के आरोप पूरी तरह से निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं, जो केवल उनकी छवि धूमिल करने के लिए लगाए गए हैं।
उद्धव ने रामदास कदम को कहा ‘नमक हराम’
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक अन्य अवसर पर रामदास कदम पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘नमक हराम’ करार दिया है। ठाकरे ने पार्टी छोड़ने वाले और शिंदे गुट में शामिल होने वाले नेताओं पर तंज कसते हुए यह टिप्पणी की।
बालासाहेब की मृत्यु जैसे संवेदनशील मुद्दे पर शिंदे गुट के नेता के दावे और यूबीटी गुट की मानहानि की चेतावनी ने महाराष्ट्र की राजनीति में तनाव को चरम पर पहुँचा दिया है।