प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की। सात साल बाद चीन की यात्रा पर गए पीएम मोदी की यह मुलाकात दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रहे संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। बैठक में सीमा प्रबंधन से लेकर व्यापार और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने जैसे कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी।
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जानें मोदी-जिनपिंग की मुलाकात की 10 अहम बातें:
- सीमा प्रबंधन पर सहमति: दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच सीमा प्रबंधन को लेकर एक अहम समझौते पर सहमति बनी है, जिससे सीमा पर शांति और स्थिरता का माहौल बना रहेगा।
- सीधी उड़ानें फिर से शुरू: भारत और चीन के बीच रुकी हुई सीधी हवाई सेवाएं (Direct Flights) फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है, जिससे दोनों देशों के लोगों को यात्रा करने में आसानी होगी।
- कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली: कोरोना महामारी और सीमा विवाद के कारण बंद हुई कैलाश मानसरोवर की यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जो एक बड़ा सद्भावनापूर्ण कदम है।
- आपसी विश्वास और सम्मान: पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन अपने संबंधों को आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- व्यापार घाटा कम करने पर जोर: दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार में भारत के बढ़ते घाटे को कम करने और व्यापार को और अधिक संतुलित बनाने के तरीकों पर चर्चा की।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में सहयोग: पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन जैसी दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का सहयोग वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को स्थिरता प्रदान कर सकता है।
- तीसरे देश का प्रभाव नहीं: पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के संबंधों को किसी तीसरे देश (अमेरिका का संदर्भ) के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।
- 75वीं वर्षगांठ का जश्न: दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई आयोजनों की रूपरेखा तैयार करने पर भी सहमति बनी।
- लोगों से लोगों का संपर्क: वीजा प्रक्रियाओं को आसान बनाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर लोगों से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
- वैश्विक मुद्दों पर साझा रुख: आतंकवाद और निष्पक्ष व्यापार जैसे क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर दोनों देशों ने मिलकर काम करने की इच्छा जताई।
यह बैठक लगभग एक घंटे तक चली, जो कि तय समय से ज्यादा थी। इससे पता चलता है कि दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए गंभीर हैं।