रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे निर्णायक अभियान के बीच, राज्य के गृह मंत्री और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों को एक चौंकाने वाला और सीधा प्रस्ताव दिया है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर लोकतंत्र का हिस्सा बनें और जनता के समर्थन से सत्ता में आएं

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शांति और राजनीति का खुला प्रस्ताव

एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में विजय शर्मा ने कहा, “मैं एक बार फिर से नक्सलियों से अपील करता हूं कि वे हथियार छोड़ दें और समाज की मुख्यधारा में लौट आएं। हमारी सरकार ने उनके लिए सबसे बेहतरीन समर्पण नीति (सरेंडर पॉलिसी) लाई है, जिसका उन्हें लाभ उठाना चाहिए। अगर उन्हें सचमुच सरकार चलाने की इच्छा है, तो वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल हों, चुनाव लड़ें, जनता का समर्थन प्राप्त करें और फिर सरकार चलाएं।”

बंदूक से सत्ता नहीं मिल सकती

उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बंदूक के बल पर भारत में सरकार बनाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, “माओवादी यह सोच रहे हैं कि आतंक फैलाकर वे अपनी सरकार बना लेंगे, तो ऐसा कभी नहीं होगा। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से उनका नेटवर्क कमजोर हो रहा है।”

बातचीत के लिए रखी कड़ी शर्तें

हालांकि, विजय शर्मा ने शांति वार्ता के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत तभी संभव है जब नक्सली आम नागरिकों की हत्या करना बंद करें और जंगलों में बिछाई गई आईईडी (IED) हटा दें।

बस्तर में जारी है निर्णायक लड़ाई

विजय शर्मा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बस्तर के अबूझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ चल रही है। इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों के मारे जाने की खबरें हैं। सरकार का लक्ष्य 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करना है।

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Alok Kumar Srivastava
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