Arbitrary ED investigation नई दिल्ली, 29 सितंबर 2025 – दिल्ली उच्च न्यायालय ने 641 करोड़ रुपये के धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच पर सख्त टिप्पणी करते हुए तीन आरोपियों को जमानत दे दी है। अदालत ने ईडी के रवैये को “प्रथम दृष्टया मनमाना” करार दिया और इसे समानता के सिद्धांत के खिलाफ बताया।
न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने 26 सितंबर को दिए अपने आदेश में विपिन यादव, अजय और राकेश करवा को ज़मानत प्रदान की। तीनों को एक कथित निवेश घोटाले और फर्जी नौकरी के वादों से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था।
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ईडी की जांच पर गंभीर सवाल
अदालत ने कहा कि जिन व्यक्तियों की भूमिका इस घोटाले में अधिक गंभीर प्रतीत होती है, न तो उन्हें गिरफ्तार किया गया और न ही उन्हें अभियुक्त बनाया गया। इसके विपरीत, इन तीनों आरोपियों को महीनों से हिरासत में रखा गया।