हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने युवाओं को रील देखने की लत को लेकर चेताया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कंटेंट को ज्यादा देखना दिमाग को तबाह कर सकता है। उन्होंने अपनी इस चेतावनी को बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से भी जोड़ा।

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“रील देखने से केवल दिमाग खराब होता है”

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “आप रील देखकर समय बर्बाद करेंगे तो नेता, डॉक्टर, इंजीनियर या वैज्ञानिक नहीं बन पाएंगे। रील देखने से केवल दिमाग खराब होता है और समय बर्बाद होता है।” बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर चल रहे विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने युवाओं से पूछा कि अगर वे रीलों में ही डूबे रहेंगे, तो बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को कैसे जवाब देंगे।

हैदराबाद में एक संबोधन के दौरान ओवैसी ने पूछा, “मेरा मतलब है कि बिहार में गहन पुनरीक्षण के नाम पर क्या चल रहा है, कई लोगों को बांग्लादेशी, नेपाली और म्यांमार से बताया जा रहा है। अगर कोई BLO आपके पास आता है, तो आप उनके सवालों का जवाब कैसे देंगे?”

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बिहार में चल रहे SIR पर उठाए सवाल

बता दें कि चुनाव आयोग के SIR अभियान ने हाल ही में एक विवाद को जन्म दिया है और ओवैसी ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है, उन्होंने चुनाव आयोग के भारतीयों की नागरिकता तय करने के अधिकार पर सवाल उठाया है। ओवैसी ने कहा, “चुनाव आयोग को किसी के नागरिक होने या न होने का निर्धारण करने का अधिकार किसने दिया? हमारी पार्टी ने सबसे पहले कहा था कि SIR पिछले दरवाजे से NRC है।”

उन्होंने 2003 में पिछली बार की गई इस गणना के नतीजे भी मांगे और यह भी पूछा कि उस समय कितने विदेशी नागरिकों का खुलासा हुआ था। ओवैसी ने कहा, “हम उन बीएलओ की संख्या की मांग करते हैं। हम अपनी पार्टी के सदस्यों से कहेंगे कि वे उन बीएलओ से मिलें और उनसे पूछें कि नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश के वे लोग कहां हैं, जिनके बारे में वे बात कर रहे हैं।” इस गणना प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग ने अब तक 86.32% गणना फॉर्म एकत्र कर लिए हैं और इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण का अंतिम दौर जल्द ही होगा।

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Alok Kumar Srivastava
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