पेरिस, फ्रांस: फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को भ्रष्टाचार के एक मामले में पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है, जिसमें से एक साल की सजा तत्काल प्रभावी होगी। यह फैसला लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी से अवैध रूप से चुनाव प्रचार के लिए धन लेने से जुड़े एक बड़े घोटाले का हिस्सा है।

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क्या है पूरा मामला?

आरोप है कि 2007 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सरकोजी ने अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए गद्दाफी से लाखों यूरो की अवैध फंडिंग ली थी। यह मामला तब सामने आया जब 2011 में लीबियाई तानाशाह गद्दाफी की मौत के बाद उनके कुछ करीबी लोगों ने इस सौदे का खुलासा किया।

इस मामले में सरकोजी पर “आपराधिक संगठन बनाने” और “अवैध चुनाव फंडिंग” के आरोप लगाए गए थे। जांच के दौरान यह भी पता चला कि सरकोजी और उनके सहयोगियों ने इस लेनदेन को छिपाने के लिए कई फर्जी कंपनियों और बैंक खातों का इस्तेमाल किया।

फैसले का महत्व

पेरिस की एक अदालत ने सरकोजी को दोषी पाया और उन्हें पांच साल की सजा सुनाई। इस फैसले का फ्रांस की राजनीति में गहरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति को इस तरह के गंभीर अपराध के लिए सजा मिली है।

सरकोजी के वकील ने इस फैसले को “अन्यायपूर्ण” बताते हुए अपील करने की बात कही है। यह मामला कई सालों से चल रहा था और इसकी जांच में कई हाई-प्रोफाइल लोग शामिल थे, जिनमें सरकोजी के कुछ पूर्व मंत्री भी शामिल हैं।

यह फैसला दिखाता है कि फ्रांस की न्यायपालिका राजनीतिक दबाव के बावजूद बड़े से बड़े राजनेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम है। यह लोकतंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्व को भी उजागर करता है।

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Alok Kumar Srivastava
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