नई दिल्ली। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक गुप्त चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका के बीच होने वाले सौदों से चीन के हितों पर पड़ने वाले संभावित असर को लेकर चिंता जताई। माना जा रहा है कि इसी चिट्ठी के जरिए दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की संभावनाओं की शुरुआत हुई और कुछ महीने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन दौरा तय हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चीन के खिलाफ अपने व्यापार युद्ध को तेज कर रहे थे, तब बीजिंग ने भारत से गुप्त संपर्क साधना शुरू किया। चिट्ठी में चीन ने यह भी उल्लेख किया कि संबंध सुधारने की पहल एक प्रांतीय अधिकारी के नेतृत्व में होगी।
भारतीय अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यह चिट्ठी पीएम मोदी तक भी पहुंचाई गई थी, ताकि वे यह आकलन कर सकें कि दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने की कितनी संभावनाएं हैं।
ब्लूमबर्ग ने बताया कि जून तक भारत ने जिनपिंग की चिट्ठी का कोई ठोस जवाब नहीं दिया था। लेकिन भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक विवाद और ट्रम्प की 50% टैरिफ की घोषणा के बाद हालात बदल गए। रिपोर्ट के अनुसार, इन फैसलों ने भारत में नाराजगी पैदा की और चीन की पहल को गंभीरता से लेने की स्थिति बनी।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस चिट्ठी ने भारत और चीन के बीच नज़दीकी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई और इसके कुछ महीनों बाद प्रधानमंत्री मोदी का चीन दौरा तय हुआ।