बेंगलुरु।’ कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा किसी विशेष धर्म या आस्था को मानने वाले व्यक्ति का किसी दूसरे धर्म के त्योहारों में शामिल होना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है।
हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी मैसूर में दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक को आमंत्रित किए जाने से जुड़े मामले में की।
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जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस सीएम जोशी की बेंच ने राज्य सरकार के इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
बेंच ने कहा संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धर्म का पालन और प्रचार करने के अधिकार को केवल मुश्ताक नामक सेलेब्रिटी को बुलाने तक सीमित नहीं किया जा सकता।