Norway Chess 2025 – नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन भारत के डी गुकेश (Norway Chess 2025) ने दिग्गज मैग्नस कार्लसन को हराकर बड़ी जीत हासिल की है। इस जीत के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में इस जीत से जहां गुकेश बेहद खुश और शॉकिंग नजर आए, वहीं कार्लसन आपा खो बैठे। अपने देश में गुकेश से हार को वह बर्दाश्त नहीं कर पाए। कार्लसन ने हार के बाद जोर से हाथ को उस मेज पर पटका, जहां चेस बोर्ड रखा हुआ था। उनके हाथ पटकने से पूरा चेस बोर्ड हिल गया।

इसके बाद कार्लसन अपनी कुर्सी से उठकर अपनी भड़ास निकाली और फिर गुकेश से माफी मांगते हुए चेस बोर्ड के पास आए। फिर उन्होंने मुहरों को सजाने की कोशिश की, लेकिन झल्लाहट में उसे भी पटक दिया। वहीं, दूसरी तरफ गुकेश ने जीत हासिल करने के बाद चुपचाप जश्न मनाया। उन्हें यकीन नहीं हुआ कि उनकी मेहनत काम कर गई। फिर कार्लसन तेजी से चलते हुए हॉल से निकल गए। उन्होंने गुकेश की पीठ भी थपथपाई। इसका वीडियो भी सामने आया है। वहां बैठे सभी लोगों ने गुकेश के लिए ताली बजाई।

मैग्नस कार्लसन को हराने वाले दूसरे भारतीय बनें गुकेश
19 वर्षीय गुकेश नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट के इतिहास में कार्लसन को हराने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. उनसे पहले सिर्फ आर. प्रज्ञानानंद ने यह उपलब्धि हासिल की थी. मुकाबले के अधिकतर हिस्से में कार्लसन का दबदबा था, लेकिन अंत में वे दबाव में आ गए और गुकेश ने मौके का फायदा उठाते हुए बाजी पलट दी।

61 चालों के बाद आखिरी 62वीं चाल में मिली करारी हार
मैच के अंतिम क्षणों में गुकेश ने बाजी पलटते हुए कार्लसन को हैरान कर दिया. 61 चालों के बाद आखिरी 62वीं चाल के बाद जब कार्लसन के हाथों से बाजी निकल गई, तो उन्होंने अपने हाथ तेजी से मेज पर मार दिया। यह देखकर शांत चित्त गुकेश भी हैरान रह गए।

इस प्रतिक्रिया से बोर्ड के सारे मोहरे गिर गए, केवल एक मोहरा, जो खड़ा था, वो था गुकेश का बादशाह. कार्लसन से हार की निराशा बर्दाश्त नहीं हुई और वे तुरंत उठकर पीछे गए और फिर वापस लौटे और तुरंत गुकेश की पीठ थपथपाते हुए वहां से निकल गए। इसके बाद लगातार सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल हैं।

Share.

Alok Kumar Srivastava
Chief Editor

Address :    104, Bharsar, District – Ghazipur, Uttar Pradesh – 233300

Mobile        +91-98388 99305
Email        prabhatdarshan25@gmail.com

June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  

© 2025 prabhatdarshan.com 

Exit mobile version