भुज (गुजरात): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज विजयादशमी (दशहरा) के पावन अवसर पर गुजरात के भुज सैन्य स्टेशन पर जवानों के साथ शस्त्र पूजा की। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से L-70 एयर डिफेंस गन का पूजन किया, जिसने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन और मानव रहित हवाई सिस्टम (UAS) को मार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
रक्षा मंत्री ने सैनिकों को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर गर्व व्यक्त किया और पाकिस्तान को कराची तक रास्ता दिखाने की कड़ी चेतावनी दी।
L-70 गन का प्रदर्शन और ताकत
शस्त्र पूजा समारोह के दौरान, L-70 एयर डिफेंस गन को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। यह गन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसकी विशेषताएँ इसे ड्रोन जैसे कम ऊँचाई वाले खतरों के लिए बेहद प्रभावी बनाती हैं:
- गोले दागने की क्षमता: यह गन एक मिनट में लगभग 300 गोले दाग सकती है।
- रेंज और सेंसर: इसकी मारक क्षमता 3,500 मीटर से अधिक है और यह उन्नत हाई-रिजॉल्यूशन सेंसर से लैस है, जो इसे दिन और रात दोनों समय काम करने में सक्षम बनाता है।
- ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, जब पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन भेजे थे, तब L-70 और अन्य पारंपरिक गन प्रणालियों ने 600 से अधिक पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को हवा में ही नाकाम कर दिया था।
राजनाथ सिंह का पाकिस्तान को कड़ा संदेश
सैनिकों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने सफलतापूर्वक सभी सैन्य उद्देश्यों को हासिल किया। उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी:
- पाक डिफेंस एक्सपोज: उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत की रक्षा प्रणाली में घुसपैठ की नाकाम कोशिश की। लेकिन भारतीय सेनाओं की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह से एक्सपोज कर दिया और दुनिया को संदेश दिया कि भारत की सेनाएँ जब चाहें, जहाँ चाहें और जैसे चाहें पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुँचा सकती हैं।
- कराची तक चेतावनी: राजनाथ सिंह ने 1965 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि तब भारतीय सेना लाहौर तक पहुँच गई थी। उन्होंने पाकिस्तान को आगाह करते हुए कहा, “आज 2025 में पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची का एक रास्ता सर क्रीक से होकर भी गुजरता है।”
- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी: रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उद्देश्य स्थिति को बढ़ाना या युद्ध शुरू करना नहीं था, बल्कि यह पूरी तरह से आतंकवाद के खिलाफ सीमित और सटीक कार्रवाई थी, और भारत की यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
रक्षा मंत्री ने तीनों सेनाओं (जल, थल और नभ) के बीच संयुक्तता (Jointness) की सराहना की, जिसने रिकॉर्ड समय में इस ऑपरेशन को अंजाम देने में सफलता हासिल की।