प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना (PM E-DRIVE), जो देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी, अब 31 मार्च 2028 तक जारी रहेगी। भारी उद्योग मंत्रालय ने इस योजना को दो साल और बढ़ा दिया है। हालांकि, इसके लिए सरकार ने कोई नया पैसा नहीं दिया है। अब सिर्फ पहले से मिले 10,900 करोड़ रुपये के बजट में से बचे हुए पैसे से ही योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।
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टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर को नहीं मिलेगा एक्सटेंशन
इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन और इलेक्ट्रिक रिक्शा/तीन पहिया वाहन पर मिलने वाली सब्सिडी 31 मार्च 2026 के बाद बंद हो जाएगी। यानी इन गाड़ियों के लिए योजना का एक्सटेंशन नहीं होगा। मंत्रालय ने साफ किया कि आगे के दो साल उन प्रोजेक्ट्स के लिए हैं जिनमें अब तक धीमी प्रगति हुई है। जैसे इलेक्ट्रिक ट्रक, एम्बुलेंस और चार्जिंग स्टेशन।
बजट खत्म तो योजना भी खत्म
सरकार ने कहा है कि अगर मार्च 2028 से पहले ही पूरा बजट खर्च हो गया, तो योजना को उसी वक्त बंद कर दिया जाएगा। यानी फिर किसी भी सब्सिडी का क्लेम नहीं लिया जाएगा। खास बात यह भी है कि स्कूटर, रिक्शा और ई-कार्ट जैसी गाड़ियों के लिए सब्सिडी की आखिरी तारीख 31 मार्च 2026 ही रहेगी।
कहां-कहां खर्च हो रहा है पैसा
10,900 करोड़ रुपये के इस बजट में से:
- 3,679 करोड़ रुपये सीधे ग्राहकों को सब्सिडी देने में लगाए जा रहे हैं। इसमें स्कूटर, रिक्शा, ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रक शामिल हैं।
- 4,391 करोड़ रुपये की मदद से राज्य सरकारें 14,028 इलेक्ट्रिक बसें खरीदेंगी।
- 2,000 करोड़ रुपये से देशभर में फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।
- 780 करोड़ रुपये से गाड़ियों की टेस्टिंग सुविधाएं अपग्रेड की जाएंगी।
- 50 करोड़ रुपये प्रशासनिक कामों और दूसरे खर्चों के लिए रखे गए हैं।
सब्सिडी का तरीका भी हुआ आसान
इस योजना में एक डिजिटल ई-वाउचर सिस्टम है। जब कोई ग्राहक गाड़ी खरीदता है, तो आधार से जुड़ा एक ई-वाउचर एसएमएस के जरिए भेजा जाता है। डीलर इस वाउचर को प्रोसेस करता है और निर्माता कंपनी पोर्टल पर सब्सिडी का क्लेम कर लेती है।
भारत में बने ईवी को मिल रहा बढ़ावा
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत भारत में ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों के पार्ट्स और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे घरेलू उद्योग को भी मजबूती मिले।
अब तक क्या नतीजे मिले
सरकार के मुताबिक, जून 2025 तक ई-स्कूटर और ई-रिक्शा की बिक्री में करीब 50 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। वहीं जुलाई 2025 में योजना के तहत ई-ट्रक को पहली बार सब्सिडी मिली – एक ट्रक पर 9.6 लाख रुपये तक की मदद। सरकारी कंपनी SAIL ने 150 ई-ट्रक खरीदने का वादा किया है।