सीतापुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश सरकार ने सीतापुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अखिलेश प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई तब हुई जब कुछ दिनों पहले उनके कार्यालय में एक प्रधानाध्यापक ने उनकी बेल्ट से पिटाई कर दी थी, जिसका सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
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निलंबन का मुख्य कारण
बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह का निलंबन सीधे तौर पर प्रधानाध्यापक के साथ हुई मारपीट से जुड़ा है, लेकिन इस पूरे विवाद की जड़ एक सहायक शिक्षिका बताई जा रही है।
- शिक्षिका का विवाद: महमूदाबाद के प्राथमिक विद्यालय नदवा की सहायक शिक्षिका अवंतिका गुप्ता की अटेंडेंस (हाजिरी) को लेकर विवाद था।
- दबाव बनाने का आरोप: निलंबित प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया था कि बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह उन पर लगातार गैरहाजिर शिक्षिका की हाजिरी लगाने के लिए दबाव बना रहे थे।
- प्रताड़ना का आरोप: प्रधानाध्यापक की पत्नी और अन्य सूत्रों के अनुसार, इस बात से इनकार करने पर बीएसए द्वारा प्रधानाध्यापक को लगातार परेशान किया जा रहा था, उनसे स्कूल के कार्यों का सालों का ब्यौरा मांगा जा रहा था।
- वायरल तस्वीरें: विवाद तब और बढ़ गया जब शिक्षिका अवंतिका गुप्ता के साथ बीएसए की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं।
पूरी घटना का क्रम
- बुलाया गया: प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा को शिक्षिका की शिकायत पर स्पष्टीकरण देने के लिए बीएसए कार्यालय बुलाया गया था।
- मारपीट: 23 सितंबर को स्पष्टीकरण के दौरान बहस बढ़ गई। प्रधानाध्यापक ने अचानक अपनी बेल्ट निकालकर बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया।
- कार्रवाई (तत्काल): मारपीट के बाद बीएसए की शिकायत पर प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया।
- शिक्षिका पर गाज: विवाद बढ़ने के बाद, बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने खुद विवादित शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को भी निलंबित कर दिया।
- बीएसए निलंबित: अंततः, ‘बेल्ट कांड’ और शिक्षिका के मामले में लगे आरोपों को गंभीरता से लेते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया।
फिलहाल, इस पूरे प्रकरण की जांच जारी है। वहीं, गिरफ्तार प्रधानाध्यापक के समर्थन में उनके स्कूल के बच्चे और अभिभावक प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें रिहा करने की मांग कर रहे हैं।