लखनऊः यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर निशाना है। केशव मौर्य ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए उनके खानदान का जिक्र किया तो सपा नेता शिवपाल यादव ने भी केशव मौर्य को जवाब देने में देरी नहीं लगाई। केशव मौर्य ने अपने आधिकारिक हैंडल पर लिखा, गुंडे, माफिया और दंगाई – ‘सबके सब सैफ़ई परिवार के भाई’। इसका जवाब अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल ने दिया है।
यूपी की जनता जानती है कौन है गुंडे और दंगाई
शिवपाल सिंह यादव ने केशव मौर्य का जवाब देते हुए एक्स हैंडल पर लिखा, ‘ केशव जी, गुंडे, माफ़िया और दंगाई कौन हैं, यह यूपी की जनता भली-भांति जानती है। बुलडोज़र से कानून का गला घोंटने वाले, किसानों पर लाठियां बरसाने वाले, किसानों की ज़मीन पर कब्जा करने वाले, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार के संरक्षक, ये सब आपके आंगन के ‘भाई’ हैं। सपा के सीनियर नेता ने कहा कि सैफ़ई परिवार ने तो प्रदेश को अस्पताल, स्टेडियम, नौकरियां और विश्वविद्यालय दिए…आपके ‘परिवार’ ने क्या दिया? नफ़रत, महंगाई और जंगलराज!।”
शिवपाल ने सीएम योगी पर भी साधा निशाना
वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर कहा, “भाजपा के लोग न्याय प्रिय नहीं हैं। उन्हें लोकतंत्र की परिभाषा ही नहीं पता। उन्हें केवल बोलना है तो वे कुछ भी बोलेंगे।”
शिवपाल ने की अखिलेश की तारीख
वहीं, शिवपाल यादव ने दिल्ली में प्रदर्शन के लिए अखिलेश यादव की जमकर तारीफ की। उन्होंने एक्स हैंडल पर कहा कि संघर्ष की पहचान — रुकना नहीं, टकराना है! जब हक़ की आवाज़ रोकने को बैरिकेड खड़े हों, तो समाजवादी पीछे नहीं हटते बैरिकेड तोड़ते हैं, कूदते हैं, ललकारते हैं। आज अखिलेश यादव जी की छलांग सिर्फ़ लोहे पर नहीं थी, ये छलांग थी लोकतंत्र बचाने की कसम पर!।
यूपी विधानसभा में सपा का हंगामा
बता दें कि यूपी विधानसभा में मानसून सत्र चल रहा है। सदन में भी सपा और बीजेपी का टकराव दिख रहा है। मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को विधानसभा में नेता विरोधी दल के साथ गोरखपुर में कथित दुर्व्यवहार के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और आसन के निकट आकर सरकार विरोधी नारे लगाए।
वहीं,उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विपक्ष के पास अगर कोई सवाल है तो सदन में उठाएं और सरकार उनका जवाब देने को तैयार है…अगर विपक्ष चर्चा से भागना चाहे, तो सरकार उसका इलाज नहीं कर सकती…”।