मथुरा। जनपद मथुरा के महोली गांव में एक बुज़ुर्ग व्यक्ति मोहन (उम्र 55 वर्ष) को धर्मांतरण के झूठे आरोप में बजरंग दल के सदस्यों द्वारा पुलिस को सौंपे जाने का मामला सामने आया है। मोहन अपनी पत्नी सफेदा और विकलांग बेटी के साथ विक्की (दो-पहिया वाहन) पर सवार होकर बाजार में साड़ी के ब्लाउज की सिलाई के लिए गए थे, तभी कुछ लोगों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कथित बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने न केवल उनकी गाड़ी की चाबी छीन ली बल्कि उनके साथ हाथापाई करते हुए आरोप लगाया कि वे धर्मांतरण करवा रहे हैं। इसके बाद पुलिस को बुलाकर मोहन को हिरासत में ले लिया गया।
घटना के दौरान मोहन की पत्नी सफेदा और उनकी बेटी ने पुलिस और अन्य लोगों से हाथ जोड़कर विनती की कि उनके पति निर्दोष हैं, पर उनकी बात अनसुनी कर दी गई। आरोप लगाने वाले लोगों ने मोहन से जबरन एक प्रार्थना पत्र लिखवाने की कोशिश की जिसमें उन्हें लखन सिंह और उनकी पत्नी नगीना के खिलाफ धर्मांतरण के आरोप लगाने के लिए मजबूर किया गया। लेकिन पीड़ित परिवार ने स्पष्ट किया कि न तो उन पर धर्मांतरण का कोई दबाव था और न ही ऐसा कोई प्रयास किया गया था।
इस अन्याय की सूचना किसी संवेदनशील व्यक्ति द्वारा राष्ट्रीय भीम संगठन तक पहुंचाई गई। संगठन ने तत्परता दिखाते हुए जिला प्रशासन से संपर्क किया। जिलाधिकारी और सीईओ सविता वर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिए। निष्पक्ष जांच के बाद मोहन और उनके परिवार को निर्दोष पाते हुए रिहा कर दिया गया।
पीड़ित परिवार ने राष्ट्रीय भीम संगठन का आभार प्रकट किया और संगठन ने भी मथुरा प्रशासन को निष्पक्ष निर्णय के लिए धन्यवाद दिया। यह मामला सामाजिक सौहार्द और न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता की एक मिसाल बन गया है।
Alok Kumar Srivastava serves as the Chief Editor of Prabhat Darshan, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering political affairs, social issues, and regional developments.