एक ओर केंद्र सरकार किसानों को उन्नत खेती के लिए तरह-तरह की योजनाओं का लाभ देने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर किसानों की सबसे बड़ी जरूरत खाद को लेकर स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में इन दिनों किसान खाद के लिए भटकते फिर रहे हैं और कालाबाजारी का शिकार हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, जिले के अंदर अधिकारियों और दुकानदारों की मिलीभगत से खुलेआम खाद की ऊंचे दामों पर बिक्री की जा रही है। ब्लॉक तुलसीपुर के लाल नगर, सिपहिया, पिपरहवा चौराहा, तुलसीपुर नगर के मिल चौराहा, इटवा चौराहा, बलरामपुर चौराहा सहित आसपास के क्षेत्रों में दुकानदार किसानों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं।
बताया जा रहा है कि यूरिया की कीमत 400 से 500 रुपये और सुपरफास्ट खाद 500 से 600 रुपये तक वसूली जा रही है। मजबूरी में किसान ऊंचे दामों पर खाद खरीदने को विवश हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि दुकानदारों को प्रशासन का डर नहीं है और वे किसानों को दोनों हाथों से लूट रहे हैं। किसानों ने जिला प्रशासन से इस अव्यवस्था और कालाबाजारी पर तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है।