दिल्ली। भारतीय वायुसेना के सबसे पुराने और ऐतिहासिक लड़ाकू विमान मिग-21 ने आज अपनी आखिरी उड़ान भरी। इस ऐतिहासिक मौके पर स्वयं एयरफोर्स चीफ वीआर चौधरी ने मिग-21 में उड़ान भरकर उसे विदाई दी। मिग-21 अब आधिकारिक रूप से भारतीय वायुसेना से रिटायर हो गया है।
तीन युद्धों का गवाह रहा मिग-21
1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ मिग-21 कई ऐतिहासिक युद्धों का हिस्सा रहा। 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध, और 1999 के कारगिल युद्ध में मिग-21 ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस विमान ने न केवल दुश्मन को जवाब दिया, बल्कि कई बार भारतीय सीमाओं की सुरक्षा में निर्णायक योगदान दिया।
62 साल बाद कहा अलविदा
तकनीकी रूप से अब पुराने हो चुके इस सुपरसोनिक जेट को सुरक्षा और आधुनिकीकरण की दृष्टि से सेवा से हटाया गया है। यह भारतीय वायुसेना के इतिहास का एक भावनात्मक क्षण है, क्योंकि मिग-21 को “फाइटर जेट्स का धरोहर” माना जाता है।