शिलॉन्ग:राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर से लोकेंद्र सिंह तोमर को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई मेघालय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के अनुरोध पर की गई, जो राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच कर रही है. तोमर उस फ्लैट के मालिक हैं, जहां इंदौर के देवास नाका इलाके में सोनम ने 26 मई से 8 जून तक शरण ली थी.
लोकेंद्र सिंह तोमर पर आरोप है कि उसने सबूत नष्ट किए हैं
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तोमर 16 जून को मध्य प्रदेश छोड़कर उत्तराखंड चले गए थे और 22 जून को ग्वालियर लौटे. मेघालय SIT ने सोनम के ठिकाने से लापता सामान और सबूतों को नष्ट करने या छिपाने के संदेह में तोमर की तलाश तेज कर दी थी. SIT की एक टीम इंदौर से ग्वालियर पहुंची है, जहां तोमर को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर ग्वालियर कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया गया.
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सिक्योरिटी गार्ड की गिरफ्तारी के बाद तोमर का नाम आया सामने
तोमर का नाम तब सामने आया, जब प्रॉपर्टी डीलर सिलोम जेम्स और अपार्टमेंट के सिक्योरिटी गार्ड बलवीर की गिरफ्तारी हुई. ये दोनों भी सोनम के ठिकाने से जुड़े थे. पुलिस का मानना है कि तोमर ने सोनम के फ्लैट से महत्वपूर्ण सामान हटाया, जो हत्याकांड और हनीमून मामले की जांच के लिए अहम सबूत हो सकते थे.
मेघालय SIT की जांच में यह मामला जटिल होता जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, तोमर, सिलोम और बलवीर को बुधवार को शिलांग ले जाया जाएगा, जहां उनकी गहन पूछताछ होगी. SIT इस बात की तह तक जाना चाहती है कि सोनम को छिपाने और सबूत मिटाने में इन तीनों की क्या भूमिका थी.
राजा रघुवंशी हत्याकांड ने मेघालय और मध्य प्रदेश पुलिस के बीच समन्वय को और मजबूत किया है. इस मामले में आगे की जांच से और खुलासे होने की संभावना है. फिलहाल, ग्वालियर और इंदौर में पुलिस अलर्ट मोड पर है, और SIT की नजर हर संदिग्ध गतिविधि पर बनी हुई है.