मध्य प्रदेश। प्रदेश में विषाक्त कफ सिरप का कहर लगातार जारी है। हाल ही में छह वर्ष के दिव्यांशु यदुवंशी और तीन वर्ष के वेदांश काकोड़िया की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मौतों के बाद प्रदेश में इस जहरीले सिरप से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है।
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जानकारी के अनुसार, इन बच्चों को शासकीय चिकित्सक प्रवीण सोनी ने अपने क्लीनिक में कफ सिरप दिया था। हालांकि यह सिरप चार वर्ष से छोटे बच्चों को नहीं दिया जा सकता, फिर भी इसका प्रयोग किया गया।
अब तक मारे गए बच्चों में 18 बच्चे छिंदवाड़ा, दो बैतूल और एक पाढुर्णा का है, सभी की उम्र आठ वर्ष से कम थी। इस घटना ने प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था और चिकित्सकों की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।