नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा नियमों में बड़ा बदलाव किया है। नए नियम के तहत अब H-1B वीजा के लिए आवेदन करने वालों को 1 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) का भुगतान करना होगा।
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नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बदलाव से अमेरिका के लिए नुकसान होगा, क्योंकि इससे अमेरिकी इनोवेशन और टेक्नोलॉजी सेक्टर प्रभावित हो सकता है। वहीं, भारत को इस फैसले से लाभ होने की संभावना है, क्योंकि भारतीय आईटी और टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिका में काम करना महंगा और कठिन हो जाएगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस नए नियम से अमेरिका में विदेशी कुशल श्रमिकों की संख्या घट सकती है, जबकि भारत में टेक्नोलॉजी और आईटी क्षेत्र को रोजगार और अवसर बढ़ने की संभावना है।