वाशिंगटन डीसी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और रूस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि मौजूदा बाइडन प्रशासन की नीतियों के कारण अमेरिका ने “भारत और रूस दोनों को चीन के हाथों खो दिया है।” हालांकि, इस बयान से ठीक एक दिन पहले, उन्होंने एक अदालत में यह तर्क दिया था कि भारत पर उच्च टैरिफ लगाना अमेरिकी हितों के लिए जरूरी था।
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क्या कहा ट्रंप ने? एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने कहा, “हमने भारत को खो दिया, हमने रूस को भी खो दिया, और चीन की वजह से इन दोनों देशों का भविष्य अच्छा हो।” ट्रंप ने यह बयान अमेरिका की मौजूदा विदेश नीति की आलोचना करते हुए दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बाइडन प्रशासन की कमजोर नीतियों ने इन दोनों देशों को चीन के करीब धकेल दिया है।
एक दिन पहले की विरोधाभासी टिप्पणी: ट्रंप का यह बयान काफी विरोधाभासी है क्योंकि गुरुवार को ही उन्होंने अमेरिकी कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए कहा था कि उनके प्रशासन द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ “न्यायसंगत और आवश्यक” थे। उन्होंने तर्क दिया था कि भारत एक “टैरिफ किंग” है और अमेरिकी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाता है, इसलिए जवाबी कार्रवाई जरूरी थी।
ट्रंप की विदेश नीति पर सवाल: ट्रंप के आलोचक उनके इन दोनों बयानों को उनकी विदेश नीति की अस्थिरता और विरोधाभास का प्रमाण मान रहे हैं। उनका मानना है कि ट्रंप एक तरफ भारत को अमेरिका का सहयोगी बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उसके खिलाफ सख्त आर्थिक कदम उठाने को सही ठहरा रहे हैं। यह उनके “अमेरिका फर्स्ट” (America First) के नारे का हिस्सा है, जिसके तहत वे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सिर्फ व्यापार और आर्थिक लाभ के चश्मे से देखते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान 2024 के राष्ट्रपति चुनाव को ध्यान में रखकर दिया गया है, जहां वे अमेरिका की कमजोर होती अंतरराष्ट्रीय स्थिति को भुनाना चाहते हैं।