श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी () की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि कश्मीर घाटी में “बंदूक का डर दिखाकर” लोगों को राष्ट्रीय भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मजबूर कर रही है।
महबूबा मुफ्ती ने ये टिप्पणियाँ हाल ही में सामने आए उन मामलों के संदर्भ में कीं, जहाँ कश्मीरियों को राष्ट्रगान के लिए खड़े होने या देशभक्ति कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए कथित तौर पर मजबूर किया गया।
“जबरन राष्ट्रगान के लिए खड़ा किया जा रहा”
महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में दावा किया कि कश्मीर में एक अघोषित आपातकाल की स्थिति है। उन्होंने कहा:
युवक पुलिस हिरासत में
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे दावा किया कि कश्मीर घाटी में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों को राष्ट्रगान या अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति सम्मान न दिखाने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने बताया, “इस तरह के आरोपों में अब तक कम से कम युवक पुलिस हिरासत में हैं। अगर कोई स्वेच्छा से राष्ट्रगान के लिए खड़ा होता है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जबरदस्ती करना पूरी तरह से असंवैधानिक और अमानवीय है।”
महबूबा मुफ्ती ने प्रशासन से इन युवकों को तत्काल रिहा करने और घाटी में डराने-धमकाने की कथित नीति को रोकने की मांग की है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस या स्थानीय प्रशासन ने उनके इस बयान पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।