वाशिंगटन डीसी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ फिर से कड़ा रुख अपनाया है। एक ओर जहाँ वह भारत के साथ दोस्ती का दावा करते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्होंने यूरोपीय संघ (EU) से भारत पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का अनुरोध किया है। ट्रंप का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बढ़ती दोस्ती को लेकर उनकी बेचैनी को दर्शाता है।
बाढ़ राहत पैकेज पर पंजाब सरकार का विरोध, कहा- हिमाचल से भी कम मिली राशि
रूसी तेल खरीद पर बढ़ा विवाद
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि भारत और चीन रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में रूस की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। अमेरिकी अधिकारी और यूरोपीय संघ के राजनयिकों के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि ट्रंप ने EU से कहा है कि अगर वे रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाना चाहते हैं, तो भारत और चीन पर 100% तक टैरिफ लगाया जाए।
चीन को भी नहीं बख्शा
ट्रंप ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि चीन पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “हम भारत और रूस को चीन के घने अंधेरे में खो चुके हैं”। उनका यह बयान चीन के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसी बैठकों में तीनों नेताओं की करीबी को लेकर आया है।
भारत पर पहले ही 50% टैरिफ
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत पर टैरिफ की धमकी दी है। उन्होंने पहले ही भारतीय सामानों पर 25% का टैरिफ लगाया था, जिसमें रूसी तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त 25% का टैरिफ जोड़ दिया गया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया है। इस तनाव के चलते भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत भी रुकी हुई है।
कूटनीति की राह पर भारत
हालांकि, इन धमकियों के बावजूद भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि भारत किसी भी देश के दबाव में आकर अपनी नीति नहीं बदलेगा। भारत का मानना है कि सभी देशों से अच्छे संबंध रखना उसकी प्राथमिकता है। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप का यह दोहरा रवैया उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जहाँ वह एक ही समय में घरेलू और विदेशी दर्शकों को संबोधित कर रहे हैं।