लोक मान्यताओं में कांच का टूटना अक्सर अशुभ माना जाता है। यह घर में नकारात्मक ऊर्जा, आर्थिक नुकसान, या परिवार में तनाव का संकेत हो सकता है। विशेष रूप से, यदि पूजा स्थल के पास कांच का बर्तन या शीशा टूटे, तो इसे अपशकुन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह माता लक्ष्मी के अपमान का प्रतीक हो सकता है, जिससे धन हानि होती है।
शुभ संकेत
कुछ मान्यताओं में कांच का टूटना शुभ भी माना जाता है। यह पुरानी नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने और नई शुरुआत का प्रतीक हो सकता है। यदि कांच टूटने के बाद परिवार में सुख-शांति बढ़े या कोई समस्या हल हो, तो इसे सकारात्मक संकेत माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर कांच का टूटना अनजाने में होता है, तो यह जीवन में बाधाओं को हटाने का संकेत हो सकता है।
वास्तु के अनुसार कांच टूटना
वास्तु शास्त्र में कांच का टूटना घर में ऊर्जा असंतुलन का संकेत हो सकता है। अगर शीशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में टूटता है, तो यह आर्थिक समस्याओं का संकेत दे सकता है। उत्तर-पूर्व दिशा में टूटा कांच कम नकारात्मक माना जाता है। कांच का टूटना पूजा स्थल की अव्यवस्था या गलत दिशा में रखे शीशे का परिणाम हो सकता है। वास्तु विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ऐसी घटना के बाद घर की शुद्धि जरूरी है।
कांच टूटने के बाद उपाय
कांच टूटने पर घबराएं नहीं, बल्कि सही उपाय करें। टूटे कांच को तुरंत साफ करें और उसे कूड़ेदान में न फेंकें। इसे कागज या कपड़े में लपेटकर बाहर रखें। घर में गंगाजल का छिड़काव करें और कपूर का दीपक जलाएं। पूजा स्थल को उत्तर-पूर्व दिशा में व्यवस्थित करें। अगर शीशा टूटा है, तो नया शीशा शुभ मुहूर्त में लगाएं। वास्तु शांति पूजा करवाने से नकारात्मक प्रभाव कम होता है।
सकारात्मकता बनाए रखें
कांच का टूटना शुभ या अशुभ हो सकता है, लेकिन सही उपायों से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। पूजा स्थल को साफ रखें, नियमित रूप से दीपक जलाएं, और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें।
Alok Kumar Srivastava serves as the Chief Editor of Prabhat Darshan, a Hindi-language news outlet. He is credited as the author of articles covering political affairs, social issues, and regional developments.